कवर्धा। छत्तीसगढ़ के न्यायिक इतिहास में आज एक महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ गया, जब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा के सतत प्रयासों से कबीरधाम जिले में प्रदेश की 5वीं क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला का भव्य शुभारंभ किया गया। यह प्रयोगशाला न केवल जिले के लिए, बल्कि पूरे प्रदेश के अपराध अनुसंधान एवं न्यायिक प्रक्रिया को गति और वैज्ञानिक आधार देने वाली साबित होगी।
शुभारंभ अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया।
अपने संबोधन में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि “फॉरेंसिक विज्ञान आज की आधुनिक अपराध जांच प्रणाली की रीढ़ बन चुका है। हत्या, बलात्कार, लूट, साइबर अपराध, आर्थिक अपराध और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे गंभीर अपराधों में पारंपरिक जांच पद्धतियों से कहीं अधिक प्रभावी वैज्ञानिक साक्ष्य होते हैं। एक रक्त का धब्बा, एक बाल का तंतु, बारूद का कण, जूतों के निशान या डिजिटल डिवाइस में छिपा डेटा, यही वे तत्व हैं जो अपराधियों को पकड़वाते हैं और अदालतों में उन्हें सजा दिलाने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।”
उन्होंने कहा कि कबीरधाम में स्थापित यह प्रयोगशाला अत्याधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षित वैज्ञानिक अधिकारियों से सुसज्जित है। इससे अब घटनास्थलों से प्राप्त डीएनए, रक्त, फाइबर, हथियार और डिजिटल साक्ष्य की त्वरित और सटीक जांच संभव होगी। इसका सीधा असर अपराध न्याय प्रणाली पर पड़ेगा, पुलिस को समय पर वैज्ञानिक रिपोर्ट मिलेगी, दोषसिद्धि दर में वृद्धि होगी, अपराधियों को शीघ्र सजा दिलाई जा सकेगी और समाज में कानून के प्रति विश्वास एवं अपराध के प्रति भय मजबूत होगा।
श्री शर्मा ने यह भी कहा कि अब तक छोटे जिलों को अपने केस नमूनों को रायपुर या अन्य बड़े शहरों की प्रयोगशालाओं में भेजना पड़ता था, जिससे समय और संसाधनों की भारी खपत होती थी। लेकिन कबीरधाम में यह प्रयोगशाला शुरू होने से बेमेतरा, खैरागढ़-छुईखदान-मंडई और मुंगेली जैसे आसपास के जिलों को भी बड़ा लाभ मिलेगा। अब स्थानीय स्तर पर जांच की सुविधा मिलने से न्यायिक प्रक्रिया अधिक तेज, प्रभावी और पारदर्शी होगी।

पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कुशल नेतृत्व और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के प्रयासों से न्याय प्रणाली को मजबूती देने की दिशा में यह कदम उठाया गया है। यह प्रयोगशाला सामाजिक न्याय को अधिक प्रभावी बनाने, अपराधों से जुड़े साक्ष्यों का वैज्ञानिक परीक्षण सुनिश्चित करने और दोषियों को त्वरित सजा दिलाने में मील का पत्थर साबित होगी।
कार्यक्रम में विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी, पुलिस मुख्यालय छत्तीसगढ़, सुशील द्विवेदी ने कहा कि उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश की सभी न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशालाओं को अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित किया गया है। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया है कि इन प्रयोगशालाओं में न केवल पुलिस विभाग, बल्कि आबकारी, वन विभाग, एसीबी, एफओडब्ल्यू, और केंद्रीय एजेंसियों जैसे सीबीआई, ईडी, डीआरआई, एनसीबी, और आईबी से संबंधित प्रकरणों की भी वैज्ञानिक जांच संभव हो सके।
श्री द्विवेदी ने कहा कि कबीरधाम में प्रयोगशाला की स्थापना से जिला स्तर पर पहले से कार्यरत “सीन ऑफ क्राइम यूनिटों” की कार्यक्षमता और अधिक बढ़ेगी। अब घटनास्थल पर ही वैज्ञानिक मार्गदर्शन एवं तकनीकी सहायता मिल सकेगी, जिससे जांच में चूक की संभावना समाप्त होगी और निष्कर्ष अधिक सटीक होंगे।
यह कहना अनुचित नहीं होगा कि कबीरधाम जिले में न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना प्रदेश की कानून व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह प्रयोगशाला आने वाले वर्षों में अपराध नियंत्रण और न्याय प्रक्रिया को गति देने में निर्णायक भूमिका निभाएगी।
कार्यक्रम में पूर्व विधायक डॉ. सियाराम साहू, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामकुमार भट्ट, नगरपालिका अध्यक्ष चंद्रप्रकाश चंद्रवंशी, जनपद अध्यक्ष सुषमा गणपत बघेल, कलेक्टर गोपाल वर्मा, पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र छवई, उप पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र बघेल, डीएसपी कृष्ण कुमार चंद्राकर, जिला पंचायत सदस्य रोशन दुबे, मनीराम साहू, विदेशी राम धुर्वे सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।


